Misuse of Ayushman Yojana: पंजाब सरकार ने तीन स्वास्थ्य केंद्रों को पैनल से हटाया, 18 को निलंबित किया
Misuse of Ayushman Yojana: पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का दुरुपयोग गंभीर रूप से बढ़ रहा है। सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए तीन स्वास्थ्य केंद्रों को योजना के पैनल से हटा दिया है और 18 केंद्रों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, उन अस्पतालों पर ₹2.80 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है जो आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं प्रदान कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार इस प्रकार के दुरुपयोग को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कुछ अस्पतालों ने महिलाओं के गर्भाशय को निकालने के मामलों में वृद्धि की थी क्योंकि इससे उन्हें अधिक मुनाफा होता था। पंजाब सरकार इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
अस्पतालों का दुरुपयोग
डॉ. बलबीर ने स्पष्ट किया कि जो अस्पताल इलाज नहीं दे रहे हैं, भ्रम फैला रहे हैं और योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें पैनल से हटा दिया जाएगा। इसके स्थान पर, ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया जाएगा जो सेवा की भावना से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई नए केंद्रों ने पैनल में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।
आयुष्मान योजना के लाभार्थी
पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत कुल 45 लाख लाभार्थी हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा 16.65 लाख लाभार्थियों के लिए जारी की जाती है। केंद्रीय सरकार का कुल बजट ₹350 करोड़ है, लेकिन अब तक केवल ₹169 करोड़ ही जारी किए गए हैं। इस राशि में से ₹51 करोड़ प्रशासनिक शुल्क और ₹17 करोड़ पहले के बकाए शामिल हैं।
केंद्रीय सरकार का ध्यान
डॉ. बलबीर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से 27 सितंबर को ईमेल के माध्यम से एक मीटिंग का समय मांगा है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने पहले भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की थी और इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाया था, लेकिन इस मामले में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है।
भुगतान में देरी
पंजाब सरकार ने पूर्व बकाए चुकाने का काम किया है, लेकिन अस्पतालों को भुगतान में हो रही देरी चिंता का विषय है। एक नया पोर्टल भी जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य मामलों का समाधान करना है, लेकिन इससे देरी बढ़ी है।
चन्नी सरकार का निर्णय
डॉ. बलबीर ने यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के शासन में 2021 में कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया था, जिसके कारण बीमा की प्रक्रिया रुक गई थी। इससे भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं रह गई थी और योजना के लाभार्थियों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।
सरकार की योजना
पंजाब सरकार अब यह सुनिश्चित कर रही है कि अस्पतालों के साथ कोई ऐसा अनुबंध नहीं होगा जो दुरुपयोग को बढ़ावा देता हो। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को सेवा की भावना से काम करना होगा और लाभार्थियों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करनी होंगी। इसके अलावा, सभी अस्पतालों की नियमित जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आयुष्मान योजना के तहत इलाज प्रदान कर रहे हैं।